Property Registry New Rule: प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन को लेकर हाल ही में बड़े बदलाव किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया हैं कि सिर्फ रजिस्ट्री (Registry) होने से ही मालिकाना हक तय नही होता हैं। यदि रजिस्ट्री के बाद जरूरी कानूनी औपचारिकताएं पूरी नहीं की गईं, तो भविष्य में आपकी प्रॉपर्टी पर किसी और का दावा भी हो सकता है।
म्यूटेशन कराना जरूरी क्यो है?
रजिस्ट्री के तुरंत बाद आपका सबसे पहले म्यूटेशन (Mutation) करवा लेना चाहिए। इस प्रक्रिया को स्थानीय राजस्व कार्यालय में पूरा किया जाता हैं। म्यूटेशन होने पर सरकारी रिकॉर्ड मे संपत्ति आधिकारिक रूप से आपके नाम पे दर्ज हो जाती हैं यदि यह प्रक्रिया समय पर नही कराई गई, तो किसी कानूनी विवाद की स्थिति मे आपका दावा कमजोर पड सकता है।
बिजली, पानी और टैक्स के अपडेट करे रिकॉर्ड
इसमें रजिस्ट्री पूरी होने के बाद अपने नाम से बिजली, पानी, प्रॉपर्टी टैक्स और नगर निगम के सभी रिकॉर्ड अपडेट कराना बहुत ही जरूरी है अगर ऐसा आपके द्वारा नही किया गया तो बिल और नोटिस पुराने मालिक के नाम पर आते रहेगे और आपके स्वामित्व को लेकर विवाद खड़ा हो सकता है।
पुराने बाकी का निपटारा करें
प्रॉपर्टी से जुड़े सभी पुराने बकाया टैक्स और बिल समय रहते क्लियर करे। अगर रजिस्ट्री के बाद कोई कर या बिल लंबित रह गया तो आगे चलकर आपको भारी जुर्माना लग सकता है और कानूनी विवाद की स्थिति भी हो सकती है।
जरूरी दस्तावेज़ सुरक्षित रखें
रजिस्ट्री से जुड़े सभी जरूरी कागजात जैसे स्टाम्प ड्यूटी की रसीद, रजिस्ट्री की प्रति, पहचान प्रमाण और भुगतान की रसीदे हमेशा अपने पास सुरक्षित रखे। यह दस्तावेज भविष्य मे किसी विवाद की स्थिति मे आपके लिए ठोस सबूत साबित हो सकेंगे।
क्या बदला नए नियमों से
सरकार ने हाल ही में रजिस्ट्री प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए नए नियम लागू किए हैं। अब रजिस्ट्री में ऑनलाइन प्रक्रिया, आधार से लिंकिंग, डिजिटल रिकॉर्ड और वीडियो रिकॉर्डिंग जैसी सुविधाएं अनिवार्य कर दी गई हैं। इन सुधारों से फर्जीवाड़ा डुप्लीकेट बिक्री और धोखाधड़ी जैसी समस्याओं पर लगा दी जा सकेगी।